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new Islamic nat sareef
नात शरीफ
दाई हलीमा बोली लेकर यह बलिया
चम चम चमके है बदन
जैसे नूर की किरण
मोहे लागी है लगन
जरा देखने दो, देखन दो
करके हिजरत गारे सौर में
पहुंचे जब सरकार हो
साथ में थे सिद्दीके के अकबर
जैसे तावेदार हो
सांप का एक मुद्दत से वहां पर
तालिब ए दीदार हो
सोए हुए थे जहां अरबी सांवरिया
सांप मारे हुए फन बोले नबी का बदन
मोहे देखने दो , देखन दो
अर्से बरी पर पहुंचे नबी जी
बनकर के मेहमान हो
सारे पयंबर रुके वहीं पर
होने लगे कुर्बान हो
हुरो मलायक सब ने कहा ये
आपके सदके जान हो
ये ही तो है मोरे अरबी सांवरिया,
इं है नबी जी हमार जो है रफ रफ सवार
मोहे देख आने दो ,देख आने दो
करने कतल चले थे उमर और
हाथ में थी तलवार हो
खोला दरवाजा आए उमर के सामने जब सरकार हो
बोले उमर या शाहे दो आलम
आप पर जान निसार हो
कलमा पढ़ा दो मोहे अरबी सांवरिया
मेरे प्यारे मुस्तफा हक जलवा ए खुदा
मोहे देखने दो ,देखने दो
नात शरीफ
दाई हलीमा बोली लेकर यह बलिया
चम चम चमके है बदन
जैसे नूर की किरण
मोहे लागी है लगन
जरा देखने दो, देखन दो
करके हिजरत गारे सौर में
पहुंचे जब सरकार हो
साथ में थे सिद्दीके के अकबर
जैसे तावेदार हो
सांप का एक मुद्दत से वहां पर
तालिब ए दीदार हो
सोए हुए थे जहां अरबी सांवरिया
सांप मारे हुए फन बोले नबी का बदन
मोहे देखने दो , देखन दो
अर्से बरी पर पहुंचे नबी जी
बनकर के मेहमान हो
सारे पयंबर रुके वहीं पर
होने लगे कुर्बान हो
हुरो मलायक सब ने कहा ये
आपके सदके जान हो
ये ही तो है मोरे अरबी सांवरिया,
इं है नबी जी हमार जो है रफ रफ सवार
मोहे देख आने दो ,देख आने दो
करने कतल चले थे उमर और
हाथ में थी तलवार हो
खोला दरवाजा आए उमर के सामने जब सरकार हो
बोले उमर या शाहे दो आलम
आप पर जान निसार हो
कलमा पढ़ा दो मोहे अरबी सांवरिया
मेरे प्यारे मुस्तफा हक जलवा ए खुदा
मोहे देखने दो ,देखने दो
Subhhanallah
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