नमाज़ पढ़ने का तरीका।

नमाज का तरीका;-
नियत :- नियत की मैने दो रकात नमाज सुन्नत वकत फजर का, वास्ते अल्लाह ताला के लिए रुख मेरा काबा शरीफ कि तरफ- अल्लाहु अकबर । (पहली दो रकअत सुन्नत की नीयत है)

दो रकअत फ़र्ज़ की नीयत:- मैं नीयत करता हूँ दो रकाअत नमाज़ फ़र्ज़ वक़्त फ़्ज़र पीछे इस इमाम के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर (अगर इमाम के पीछे नमाज़ पढ़ें तब ही बोले पीछे इस इमाम के)

(पहली रकाअत) सना :- सुबहाना कल्ला हुम्मा वाबैहमदेका वा ताबारा कसमोका वा तआला जददो का वा लाईलाह गैरूका ।
आऊजु बिल्लाहि मिनश शेतानिर्रजीम । बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अलहमदु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन, अर्रहमानिर्रहीम मालिकी यवमिद्दीन, इय्याका नअबुदू वइय्याका नसताइन,इहदि नस्सिरातल मुस्तकीम, सिरातल लजीना अन अमता अलेयहिम गयरिल मगदुबि अलयहिम वलदद्वाल्लीन ।(आमीन)
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
कुल याअय्युहल काफिरुना लाआबुदूमातअबुदून, वला अन्तुम आबिदुना माआबुद, वला आना आबिदुम मा आबत्तुम, वला अन्तुम आबिदुना मा आबुद लकूम दीनुकूम वलियदिन.
( अल्लाहु अक्बर )
RUKO ME  सुब्हाना रब्बीयल अजिम ।→3,5,7

(रुकू के बाद सीधा खड़े होकर पढ़े) समिअल्लाहु लिमन हमिदह । रब्बाना लक्लहम्द ।

( फिर अल्लाहु अक्बर. कह कर सजदे में जाए )
SAZDE ME सुब्हाना रब्बीयल आला ।→3,5,7
( अल्लाहु अक्बर )2
SAZDE ME सुब्हाना रब्बीयल आला ।→3,5,7
( अल्लाहु अक्बर ....) 

(दूसरी रकाअत) बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अलहमदु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन,अर्रहमानिर्रहीम, मालिकि यवमिद्दीन,इय्याका नअबुदु वइय्याका नसताइन, इहदि नस्सिरातल मुस्तकीम, सिरातल लजीना अन अमता अलैयहिम गयरिल मगदुबि अलयहिम वलदद्वाल्लीन,(आमीन)
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
कुलहुवल्लाहु अहद, अल्लाहुस्समद, लमयलिद वलम युलद,वलम यकुललहु कुफूवन अहद, ।
( अल्लाहु अक्बर )
RUKO ME सुब्हाना रब्बीयल अजिम ।→3,5,7
समिअल्लाहु लिमन हमिदह ।रब्बाना लक्ल हमद ।
(अल्लाहु अक्बर....)
SAZDE ME सुब्हाना रब्बीयल आला ।→3,5,7
( अल्लाहु अक्बर ) 2
SAZDE ME सुब्हाना रब्बीयल आला ।→3,5,7
( अल्लाहु अक्बर )

KAYDE ME ATIYAT अत्तहीयातु लिल्लाहि वस्सलावातु वत्तय्यिबातु अस्सलामु अलैका अय्युहन नबीयु वा रहमतुल्लाहि वा बरकातुहू अस्सलामु अलैना वा अला
ऐबादिल्लाहिस्सालिहीन अश्हदु अल्लाइलाहा इल्लल्लाहु वा अश्हदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू वा रसूलुहू ।

DUROOD IBRAHIM अल्लाहुम्मा सल्लिअला मुहम्मदिव वा आला आलि
मुहम्मदिन कमासल्लैता आला इब्राहीमा वा आला आलि इब्राहीमा इन्नाका हमीदुम
मजीद,अल्लाहुम्मा बारिक आला मुहम्मदिव वा आला आलि मुहम्मदिन
कमाबारकता आला इब्राहीमा वा आला आलि इब्राहीमा इन्नाका हमीदुम मजीद, 

DUA MASHURA:- ALAAH HUMA INNI JALAMTU NAFSHI JULMAN KASHIRAOO WALA YAGFIR-AJ JUNUBAA ELLA ANTTA FACKFIRLI MAGFAARITAAM MEEN INDIKAA WAR HAMNI INNAKA ANTAAL GAFRUR RAHIM.

अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्ला ।→Right Side 
अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्ला ।←left Side

हर फ़र्ज़ नमाज़ में सलाम फेरने के बाद ये तस्बीह पढ़ें:-
                    सुब्हान अल्लाह →33
                    अल्हमदु लिल्लाह →33
                     अल्लाहु अक्बर →34
लाइलाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदर रसुलूल्लाह

तस्बीह के बाद दुआ मांगे और पढ़ें:-रब्बाना आतैयना फिददुनिया हसनतव
वा फिल आखेरते बसनतव वाकीना अजाबन्नार,

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