हदीस मुबारक
*👆 हदीस मुबारक
*नजात दिलाने वाले आ'माल पोस्ट-37*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*( ह़दीसे मुबारका )*
*मुजाहदए नफ़्स करने वाले सहा़बी*
ह़ज़रते सय्यिदुना तलहा رَضِیَ اللّٰهُ تَعَالٰی عَنْه फ़रमाते हैं कि एक दिन एक शख़्स ज़ाइद कपड़े उतार कर बाहर निकला और गर्म रेत पर खूब लोट कर खुद को मुखातब कर के कहने लगा :-
“ऐ रात के मुर्दार और दिन के बेकार ! येह जा़एका चख ,क्यूंकि जहन्नम की आग इस से भी ज़्यादा गर्म है ।"
इस दौरान अचानक उस की निगाह हु़जू़रे अकरम ,नूरे मुजस्सम ﷺ की जानिब गई कि आप ﷺ एक दरख्त के साए में तशरीफ़ फ़रमा हैं । वोह ख़िदमते अक़्दस में हा़ज़िर हो कर अ़र्ज़ गुज़ार हुवा :- “मेरा नफ्स मुझ पर गालिब हो गया है ।"
रसूले अकरम ﷺ ने इरशाद फ़रमाया :- "सुनो ! तुम्हारे लिये आस्मानी दरवाजे़ खोल दिये गए हैं ,अल्लाह عَزَّوَجَلَّ फ़िरिश्तों के सामने तुम पर फ़न फरमा रहा है।"
फिर आप ﷺ ने सहा़बए किराम عَلَیْھِمُ الرِِّضْوَان से इरशाद फ़रमाया :- "अपने भाई से तोशए आखिरत लो ।"
एक शख्स ने कहा :- “ऐ फुलां ! मेरे लिये दुआ़ करो ।" रसूले अकरम , शाहे बनी आदम ﷺ ने इरशाद फ़रमाया :- "इन सब के लिये दुआ़ करो ।" चुनान्चे ,उस ने यूं दुआ़ मांगी :-
*"آللّٰھُمَّ اجْعَلِ التَّقْوٰی زَادَھُمْ وَاجْمَعْ عَلَی الْھُدٰی اَمْرَھُمْ*
*या'नी ऐ अल्लाह इन सब का ज़ादे राह तक़्वा बना दे और इन सब के मुआ़मले को हिदायत पर जम्अ फ़रमा ।"*
फिर रह़मते आ़लम ﷺ ने उस शख्स के लिये दुआ़ फ़रमाई :- "ऐ अल्लाह عَزَّوَجَلَّ इस को राहे रास्त पर साबित रख ।"
उस शख्स ने कहा :- “ऐ अल्लाह عَزَّوَجَلَّ हमारा ठिकाना जन्नत बना दे ।"
_✍🏻बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله_
*📓Md Ramzan
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
Comments
Post a Comment