खिलाफते आदम (عَلَيْهِمُ السَّلاَم)* part 4

*खिलाफते आदम (عَلَيْهِمُ السَّلاَم)* #4
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*दर्से हिदायत*: 
      इन आयाते करीमा से मुन्दरिजए जैल हिदायत के अस्बाक़ मिलते हैं। 
( 1 ) अल्लाह तआला की शान है। या'नी वोह जो चाहता है करता है न कोई उस के इरादे में दखल अन्दाज़ हो सकता है न किसी की मजाल है कि उस के किसी काम में चूनो चरा कर सके। मगर इस के बा वुजूद हज़रते आदम عَلَيْهِمُ السَّلاَم की तख्लीक व खिलाफ़त के बारे में खुदावन्दे कुद्दुस ने मलाइका की जमाअत से मश्वरा फ़रमाया। इस में येह हिदायत का सबक़ है कि बारी तआला जो सब से ज़ियादा इल्म व कुदरत वाला है और फ़ाइले मुख्तार है जब वोह अपने मलाइका से मश्वरा फ़रमाता है तो बन्दे जिन का इल्म और इक्तिदार व इख्तियार बहुत ही कम है तो उन्हें भी चाहिये कि वोह जिस किसी काम का इरादा करें तो अपने मुख़्लिस दोस्तों, और साहिबाने अक्ल हमदर्दो से अपने काम के बारे में मश्वरा कर लिया करें कि येह अल्लाह तआला कि सुन्नत और उस का मुक़द्दस दस्तूर है। 
(2) फ़िरिश्तों ने हज़रते आदम عَلَيْهِمُ السَّلاَم के बारे में येह कहा कि वोह फ़सादी और खूरैज़ हैं। लिहाजा उन को ख़िलाफ़ते इलाहिय्या से सरफ़राज़ करने से बेहतर येह है कि हम फ़िरिश्तों को ख़िलाफ़त का शरफ़ बख़्शा जाए। क्यूंकि हम मलाइका खुदा की तस्बीहो तक़दीस और उस की हम्दो षना को अपना शिआरे जिन्दगी बनाए हुवे हैं लिहाजा हम मलाइका हजरते आदम عَلَيْهِمُ السَّلاَم से जियादा खिलाफत के मुस्तहिक हें। 
      फिरिश्तों ने अपनी येह राए इस बिना पर दी थी कि उन्होंने अपने इजतिहाद से येह समझ लिया कि पैदा होने वाले खलीफ़ा में तीन कुव्वतें बारी तआला वदीअत फ़रमाएगा, एक कुव्वते शहविय्या, दूसरी कुव्वते गज़बिय्या, तीसरी कुव्वते अक्लिय्या और चूंकि कुव्वते शहविय्या और कुव्वते ग़ज़बिय्या इन दोनों से लूटमार और कत्लो गारत वगैरा किस्म किस्म के फ़सादात रू नुमा होंगे, इस लिये फ़िरिश्तों ने बारी तआला के जवाब में येह अर्ज किया कि ऐ खुदावन्दे तआला ! क्या तू ऐसी मख्लूक को अपनी खिलाफ़त से सरफ़राज़ फ़रमाएगा जो ज़मीन में किस्म किस्म के फ़साद बरपा करेगी और कत्लो गारत गिरी से ज़मीन में खू रैज़ी का तूफ़ान लाएगी । इस से बेहतर तो येह है कि तू हम फिरिश्तों में से किसी को अपना खलीफ़ा बना दे। क्यूंकि हम तेरी हम्द के साथ तेरी तस्बीह पढ़ते हैं और तेरी तक्दीस और पाकी का चर्चा करते रहते हैं तो अल्लाह तआला ने येह फ़रमा कर फ़िरिश्तों को ख़ामोश कर दिया कि मैं जिस मख्लूक को ख़लीफ़ा बना रहा हूं उस में जो जो मस्लेहतें और जैसी जैसी हिक्मतें हैं उन को बस मैं ही जानता हूं तुम फ़िरिश्तों को उन हिक्मतों और मस्लेहतों का इल्म नहीं है।
बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله
*_✍अजाइबुल क़ुरआन_*  पेज 252
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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